Writer's Corner
Sunday, January 19, 2020
ज़िन्दगी की सच्चाई (शायरी)
ज़िन्दगी की सच्चाई को हम जान नहीं पाते,
इसके फ़साने को हम मान नहीं पाते,
चलते हैं हम
,
कभी साथ कभी अकेले,
लेकिन हर किसी को हम पहचान नहीं पाते
.
-
जय वर्धन आदित्य
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