Thursday, January 2, 2020

अपने (शायरी)


किसी बेगाने को अपना बनाने का सोचा था,
अब तो अपने मुझे भुलाने लगे हैं,
मुस्कराने की कोशिश करता हूँ लेकिन,
अब तो आँखों में आँसू आने लगे हैं.

- जय वर्धन आदित्य



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