Wednesday, January 1, 2020

हौसला (कविता)


ज़माने की परवाह क्या,
हमें तो यूँ ही चलते जाना है,
तूफान से लड़ने का जज़्बा है,
तो छोटी छोटी बातों से क्या घबराना है,
भरोसा है खुदपर, सही हूँ अगर तो,
दूसरों को क्या बतलाना है,
राहें मुश्किल हो या आसान,
बस अपनी मंजिल पाना है.
- जय वर्धन आदित्य 



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