Tuesday, January 7, 2020

आँसू (शायरी)

जिनकी खुशबू से हमारा जहाँ रौशन था,
वही हमें अंधेरों में धकेल गए,
तकलीफ हुई है इतनी,
की मेरे आँसू तक सिहर गए.



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