Saturday, January 4, 2020

लेखक की कलम से

जीवन एक रंगमंच (स्टेज) की तरह है. अपनी-अपनी भूमिका (रोल) निभाकर, सबके दिलों में जगह बनाकर इस जीवन के रंगमंच से उतर जाना है. थोड़े वक़्त के लिए लोग आते हैं और उसी थोड़े वक़्त में पता नहीं लोगों को नफरत, गुस्सा, नाराज़गी वगैरह दिखाने का वक्त कैसे मिल जाता है. लोगों के लिए मन में इज्ज़त, प्यार, दोस्ती, जिम्मेदारी जैसी चीज़ें भी मौजूद हैं. अपने जीवन को अच्छी भावनाओं और व्यवहार से खुशहाल और खुबसूरत बनाएं. अगले पल ना जाने क्या हो, हरेक पल को खुशनुमा बनाते हुए अपनी भूमिका को निभाते जाएँ.

आप सभी का प्यार मिलते रहे, इसकी उम्मीद करता हूँ. आप सबका शुभचिंतक, दोस्त और भाई.

- जय वर्धन आदित्य

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